आपल्या अर्धशतकी वाटचालीत गुलजार यांनी शंभराहून चित्रपटांसाठी लिहिलेल्या गीतांना पाच पिढय़ांतील जवळजवळ ३५ संगीतकारांनी सूरबद्ध केलं आहे. त्यातीलच निवडक गुलजार गीतं…

आजकल पाँव जमीं पर नहीं पडते मेरे
राहुल देव बर्मन
घर (१९७८)

आज बिछडम् है, कल का डर भी नहीं
खय्याम
थोडीसी बेवफाई (१९८०)

आज्जा माही मेरे आज्जा माही मेरे आ..
अनू मलिक
फिजा (२०००)

ऑँखों में हम ने आप के सपने सजाए है
खय्याम
थोडीसी बेवफाई (१९८०)

आजा आज दिल निचोडम्
विशाल भारद्वाज
कमिने

आनेवाला पल जानेवाला है
राहुल देव बर्मन
गोलमाल (१९७९)

ओ दिल बंजारे
पं. हृदयनाथ मंगेशकर
माया मेमसाब (१९९३)

आप की आँखों में कुछ महके हुए से राज है
राहुल देव बर्मन
घर (१९७८)

आसमाँ के बाद शायद और कोई आसमा होगा
शंकर एहसान लॉय
रॉकफोर्ड (१९९९)

इतना लंबा कश लो यारो, दम निकल जाए
विशाल
हुतूतू (१९९९)

इस मोडम् से जाते है, कुछ सुस्त कदम रस्ते
राहुल देव बर्मन
आंधी (१९७५)

इस दिल में बस कर देख लो
पं. हृदयनाथ मंगेशकर
माया मेमसाब (१९९३)

एक अकेला इस शहर में, रात में और दोपहर में
जयदेव
घरोंदा (१९७७)

एक हसीन निगाह का दिल पे साया है
पं. हृदयनाथ मंगेशकर
माया मेमसाब (१९९३)

ऐ अजनबी, तू भी कभी आवाज दे कही से
ए. आर. रहमान
दिल से (१९८८)

ऐ उडी उडी, ऐ ख्वाबों की पुडी
ए. आर. रहमान
साथिया (२००२)

ऐ जिंदगी, गले लगा ले
इलाया राजा
सदमा (१९८३)

ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछडम् चमन
सलील चौधरी
काबुलीवाला

ऐसा हो तो कैसा होगा
राहुल देव बर्मन
रत्नदीप (१९७९)

ओ माझी रे, अपना किनारा नदीयाँ की धारा हैं
राहुल देव बर्मन
खुशबू (१९७५)

कजरा रें कजरा रें
शंकर एहसान लॉय
बंटी और बबली (२००५)

कभी कभी सपना लगता हैं, कभी ये सब अपना लगता हैं
राहुल देव बर्मन
रत्नदीप (१९७९)

कोई नहीं है कही, सपनों में क्यों खो गई?
राहुल देव बर्मन
किनारा (१९७६)

कोई होता जिस को अपना
सलील चौधरी
मेरे अपने (१९७१)

खामोश सा अफसाना, पानी से लिखा होता
राहुल देव बर्मन
लिबास (१९८८)

खाली हाथ शाम आयी है, खाली हाथ जाएगी
राहुल देव बर्मन
इजाजत (१९८६)

खुद से बाते करते रहना
पं. हृदयनाथ मंगेशकर
माया मेमसाब (१९९३)

गुलमोहर गर तुम्हारा नाम होता
राहुल देव बर्मन
देवता (१९७८)

घर जाएगी, तर जाएगी, डोलियाँ चढम् जाएगी
राहुल देव बर्मन
खुशबू (१९७५)

चुपके से, चुपके से रात की चादर तले
ए. आर. रहमान
साथिया (२००२)

छै चप्पा छै, छपाक छै
विशाल भारद्वाज
हूतूतू (१९९९)

छडम् रे छडम् कैसे गले में पडम्
मदन मोहन
मौसम (१९७५)

चल छैया छैया चल छैया छैया
ए आर रहमान
दिल से (१९९८)

छोटी सी कहानी से, बारीशों की पानी से
राहुल देव बर्मन
इजाजत (१९८६)

छोडम् आए हम वो गलियाँ
विशाल भारद्वाज
माचिस (१९९६)

जब भी ये दिल उदास होता है
शंकर जयकिशन
सीमा (१९७१)

जय हो
ए आर रहमान
स्लमडॉग मिलेनिअर (२००९)

जाने कैसे बीतेंगी ये बरसातें
राहुल देव बर्मन
बसेरा (१९८१)

जाने क्या सोचकर नहीं गुजरा
राहुल देव बर्मन
किनारा (१९७६)

जिया जले जान जले, नैनों तले
ए. आर. रहमान
दिल से (१९९८)

जिहाल-ए-मिस्किन मकून बा-रंजिश
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
गुलामी (१९८५)

तुझ से नाराज नहीं जिंदगी, हैरान हूँ मैं
राहुल देव बर्मन
मासूम (१९८२)

तुम आ गए हो, नूर आ गया है
राहुल देव बर्मन
आंधी (१९७५)

तुम पुकार लो, तुम्हारा इंतजार है
हेमंत कुमार
खामोशी (१९६९)

तुम्हे हो ना हो, मुझ को तो इतना यकीन है
जयदेव
घरोंदा (१९७७)

तू हवा हैं, फिजा हैं
अनू मलिक
फिजा (२०००)

तू ही तू, तू ही तू सतरंगी रे
ए. आर. रहमान
दिल से (१९९८)

तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा तो नही
राहुल देव बर्मन
आंधी (१९७५)

तेरे बिना जिया जाए ना
राहुल देव बर्मन
घर (१९७८)

थोडम है थोडम् की जरुरत है
राजेश रोशन
खट्टा मिठा (१९७७)

थोडिसी जमीन, थोडा आसमान
राहुल देव बर्मन
सितारा (१९८०)

दिल तो बच्चा है जी, थोडा कच्चा है जी
विशाल भारद्वाज
इश्किया

दिल ढमूँढम्ता है फिर वही फुरसत के रात दिन
मदन मोहन
मौसम (१९७५)

दिल हम हुम करे, घबराये
भूपेन हजारिका
रुदाली (१९९३)

दो दीवाने शहर में, रात में या दोपहर में
जयदेव
घरोंदा (१९७७)

दो नैना और एक कहानी
राहुल देव बर्मन
मासूम (१९८२)

दो नैनों में आँसू भरे हैं निंदीया कैसे समाए
राहुल देव बर्मन
खुशबू (१९७५)

ना, जिया लागे ना
सलील चौधरी
आनंद (१९७८)

नाम गुम जाएगा, चेहरा ये बदल जाएगा
राहुल देव बर्मन
किनारा (१९७७)

बोले रे पपी हरा पपीहरा,
वसंत देसाई
गुड्डी (१९७१)

पहचान तो थी, पहचाना नहीं
कनू रॉय
गृहप्रवेश (१९७९)

पहिली बार मोहब्बत की है
विशाल भारद्वाज
कमिने (२००९)

पीले पीले
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
गुलामी (१९८५)

पिया बावरी
राहुल देव बर्मन
खूबसूरत (१९८०)

फिर वही रात है, फिर वही रात है ख्वाब की
राहुल देव बर्मन
घर (१९७८)

फिर से आईयो, बदरा बिदेसी
राहुल देव बर्मन
नमकीन (१९८२)

बादलों से काट काट के, कागजों पे नाम जोडम्ना
विशाल भारद्वाज
सत्या (१९९८)

बिडम्ी जलाई रें
विशाल भारद्वाज
ओमकारा (२००६)

बीती ना बितायी रैना, बिरहा की जायी रैना
राहुल देव बर्मन
परिचय (१९७२)

बोल ना हलके हलके
शंकर एहसान लॉय
झूम बराबर झूम (२००७)

बीता मौसम फिर आया है
हृदयनाथ मंगेशकर
लाल सलाम (२००१)

गोली मार भेजे में, भेजा शोर करता है
विशाल भारद्वाज
सत्या (१९९८)

मास्तर जी की आई चिट्ठी
राहुल देव बर्मन
किताब (१९७७)

मुझे छू रही हैं, तेरी गर्म सांसें
राजेश रोशन
स्वयंवर (१९८०)

मुझे जां ना कहो मेरी जान
कनू रॉय
अनुभव (१९७१)

मुसाफिर हूँ यारों, ना घर हैं ना ठिकाना
राहुल देव बर्मन
परिचय (१९७२)

मेरा कुछ सामान, तुम्हारे पास पडम है
राहुल देव बर्मन
इजाजत (१९८६)

मेरा दिल जो मेरा होता, पलकों से पकडम् लेती
कनू रॉय
अनुभव (१९७१)

मेरे सिरहाने जलाओ सपनें
पं. हृदयनाथ मंगेशकर
माया मेमसाब (१९९३)

मैं एक सदी से बैठी हूँ
पं. हृदयनाथ मंगेशकर
लेकिन (१९९०)

मैंने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चूने
सलील चौधरी,
आनंद (१९७८)

मोरा गोरा अंग लै ले, मोहे शाम रंग दै दे
सचिन देव बर्मन
बंदिनी (१९६३)

यारा सिली सिली, बिरहा के रात का जलना
पं. हृदयनाथ मंगेशकर
लेकिन (१९९०)

ये साये हैं, ये दुनियाँ हैं
राहुल देव बर्मन
सितारा (१९८०)

रात का नशा अभी आँख से गया नहीं
अनू मलिक

चुपके से लग जा गले, रात की चादर चले
ए आर रेहमान
साथिया (२००२)

राह पे रहते हैं, यादों पे बसर करते हैं
राहुल देव बर्मन
नमकीन (१९८२)

रुके रुके से कदम, रुक के बार बार चले
मदन मोहन
मौसम (१९७५)

रोज रोज आँखों तले, एक ही सपना चले
राहुल देव बर्मन
जीवा (१९८६)

रोज रोज, डाली डाली क्या लिख जाए
राहुल देव बर्मन
अंगूर (१९८२)

रेल गाडम्ी छूक छूक छूक
वसंत देसाई
आशीर्वाद (१९६८)

लकडम्ी की काठी
राहुल देव बर्मन
मासूम (१९८३)

लबों से चूम लो आंखों से थाम लो मुझको
शारंग देव
आस्था (१९९७)

वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है
हेमंत कुमार
खामोशी (१९६९)

सपने में मिलती है
विशाल भारद्वाज
सत्या (१९९८)

साथिया साथिया, मद्धम मद्धम तेरी ये गीली हंसी
ए. आर. रहमान
साथिया (२००२)

सारे नियम तोडम् दो नियम पे चलना छोडम् दो
राहुल देव बर्मन
खूबसूरत (१९८०)

सिली हवा छू गयी, सिला बदन छिल गया
राहुल देव बर्मन
लिबास (१९८८)

सुरमई शाम, इस तरह आए
पं. हृदयनाथ मंगेशकर
लेकिन (१९९०)

सुरमयी अखियों में नन्हा मुन्ना एक सपना दे जा रें
इलाया राजा
सदमा (१९८३)

सून सून सून दिदी तेरे लिए इक रिश्ता आया है
राहुल देव बर्मन
खूबसूरत (१९८०)

हजार राहें मूड के देखी, कही से कोई सदा ना आई
खय्याम
थोडीसी बेवफाई (१९८०)

हम ने देखी है, इन ऑँखों की महकती खुशबू
हेमंत कुमार
खामोशी (१९६९)

हमको मन की शक्ती दे
वसंत देसाई
गुड्डी (१९७१)

हवाओं पे लिख दो, हवाओं के नाम
हेमंत कुमार
दो दूनी चार (१९६८)

हुजूर इस कदर भी ना इतराके चलिए
राहुल देव बर्मन
मासूम (१९८२)