प्रख्यात गझलकार आणि गीतकार राहत इंदौरी यांचं निधन झालं आहे. ते ७० वर्षांचे होते. हृदयविकाराच्या झटक्यामुळे त्यांचं निधन झालं. राहत इंदौरी आपल्या अफलातून शेरो-शायरीसाठी प्रसिद्ध होते. जगातील सर्वोत्कृष्ट गझलकारांपैकी एक म्हणून त्यांना ओळखले जायचे. त्यामुळे त्यांचे काही गाजलेले लोकप्रिय शेर आज आपण वाचणार आहोत.
दो गज़ सही मगर यह मेरी मिल्कियत तो है
ऐ मौत तूने मुझे जमींदार कर दिया
हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते
शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम
आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे
आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो
बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ
रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है
वो चाहता था कि कासा ख़रीद ले मेरा
मैं उस के ताज की क़ीमत लगा के लौट आया
दो गज सही मगर यह मेरी मिल्कियत तो है
ऐ मौत तूने मुझे जमीदार कर दिया
मैं ने अपनी ख़ुश्क आँखों से लहू छलका दिया
इक समुंदर कह रहा था मुझ को पानी चाहिए
लगेगी आग तो आएंगे घर कई ज़द में
यहाँ पे सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है
हमारे मुंह से जो निकले वही सदाक़त है
हमारे मुंह में तुम्हारी ज़ुबान थोड़ी है
सभी का खून है शामिल यहाँ की मिट्टी में
किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है.
मैं जानता हूँ कि दुश्मन भी कम नहीं लेकिन
हमारी तरह हथेली पे जान थोड़ी है
हमने एक शाम चरागो से सजा रखी है,
शर्त हवाओंसे लोगोने लगा रखी है,
शायद आ जाये हमसे भी कोई ज्यादा प्यासा,
बस यही सोचकर थोडीशी बचा रखी है ।
किसने दस्तक दी ये दील पर…
कौन है, आप तो अंदर है,
फिर बाहर कौन है ।
राज जो कुछ हो इशारो मे बता भी देना
हाथ जब भी दो जरा दबा भी देना
वैसे इस खत मे कोई बात नही है
एहेतीयात जब भी पढलो जला भी देना ।
बहुत हसीन है दुनिया
आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो
उस आदमी को बस इक धुन सवार रहती है
बहुत हसीन है दुनिया इसे ख़राब करूं
बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियां उड़ जाएं
Urdu poet Rahat Indori (file pic) passes away at the hospital. He suffered two heart attacks today and could not be saved. He was admitted to hospital on Sunday, after testing positive for #COVID19. He had 60% pneumonia: Dr Vinod Bhandari, Sri Aurobindo Hospital pic.twitter.com/EIKZhPp702
— ANI (@ANI) August 11, 2020
रुग्णालयात दाखल केल्यानंतर राहत इंदौरी यांनी ट्विट करत सांगितलं होतं, “कोविडची प्राथमिक लक्षणे दिसू लागताच माझी करोना चाचणी करण्यात आली. करोना रिपोर्ट पॉझिटिव्ह आला आहे. मला अरविंदो रुग्णालयात दाखल करण्यात आलं आहे. या आजाराचा मी लवकरात लवकर पराभव करावा, अशी प्रार्थना करा. आणखी एक विनंती आहे, मला किंवा माझ्या कुटुंबीयांना फोन करु नका, माझ्या प्रकृतीची माहिती ट्विटर आणि फेसबुकवर मिळेल.” काही महिन्यांपूर्वी त्यांचा ‘बुलाती है मगर जाने का नहीं’ हा शेर खूप चर्चेत आला होता. सोशल मीडियावर या शेरनं अक्षरशः धुमाकूळचं घातला होता.